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पशुओं के लिवर पर टिका है डेयरी कारोबार, लिवर बिगड़ जाए तो क्या हैं उपचार ?

दुधारु पशुओं में कमजोर लिवर की पहचान विभिन्न लक्षणों जैसे- दूध उत्पादन में कमी, भूख न लगना, वजन कम होना और दस्त के माध्यम से की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, पशुओं में सुस्ती, कमजोरी और समग्र गतिविधि में कमी के लक्षण नजर आ सकते हैं। इस तरह के लक्षण नजर आने पर पशु चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है वरना ये खतरनाक रुख अपना सकते हैं । आइये इस Blog में विस्तार से जानते हैं । 

कैसे खराब होता है लिवर ?

लिवर की बीमारियां (Liver diseases in dairy animals) कई तरह की हो सकती हैं, जैसे-लिवर फ्लूक (liver fluke disease) रोग, जिसमें गीले चरागाहों में चरने से परजीवियों (फ्लूक्स) का संक्रमण हो सकता है। ये लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी तरह फैटी लिवर (fatty liver disease) रोग दुधारू पशुओं में, खासकर शुरुआती दूध देने के दौरान, ऊर्जा संतुलन बिगड़ने के कारण होता है। वहीं, संक्रामक हेपेटाइटिस में बैक्टीरिया या अन्य संक्रामक एजेंट लिवर को संक्रमित कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ दवाओं के कारण भी लिवर खराब हो सकता है।हानिकारक या जहरीले पदार्थ भी लिवर के लिए बड़ा जोखिम हैं ।

लिवर की सेहत क्यों जरूरी ?

  • बेहतर दूध उत्पादन: एक स्वस्थ लिवर पोषक तत्वों के उचित पाचन और अवशोषण को सुनिश्चित करता है, जिससे दुधारू पशुओं में दूध उत्पादन ( Milk production by dairy animals ) में सुधार होता है।
  • मजबूत प्रतिरक्षा: दुधारू पशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली में लिवर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक स्वस्थ लिवर एंटीबॉडी और अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है, जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
  • प्रजनन क्षमता में सुधार: एक स्वस्थ लिवर दुधारू पशुओं में उचित हार्मोनल संतुलन सुनिश्चित करता है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता और प्रजनन प्रदर्शन में सुधार होता है।
  • रोगों की संभावना में कमी: लिवर स्वस्थ होने से हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी लिवर की बीमारियों के जोखिम को करता है, जो दुधारू पशुओं के लिए घातक हो सकता है।

इसके अलावा सफाई और स्वच्छता, नियमित जांच और रक्त परीक्षण, संतुलित और पौष्टिक आहार, चरागाह प्रबंधन और कृमिनाशक दवाओं का सही समय पर उपयोग के साथ ही यदि आवश्यक हो तो पशु चिकित्सक के परामर्श से दवाओं और पूरक आहार (feed  supplements) का उपयोग करके दुधारु पशुओं में लिवर संबंधीरोगों का उपचार (Treatment of liver diseases in dairy animals) किया जा सकता है । लिवर टॉनिक का भी उपयोग किया जा सकता है, जो लिवर की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

‘ रिफिट रिवलिव ’ लिवर को कैसे रखता है फिट?

पशुओं के लिवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए Refit लाए हैं Rivliv, जो गाय-भैंस जैसे दुधारु पशुओं के साथ ही सुअर,बकरी, भेड़, घोड़े और ऊंट के लिए समान रूप से उपयोगी है। यह एक लिवर बूस्टर (Liver booster for dairy animals) की तरह काम करता है जिससे पशु का समग्र विकास होता है । आइये, इसके फायदे जानते हैं ।

  • भूख बढ़ने के सहायक: इसके सेवन से पशुको भूख अधिक लगती है जिससे उनके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। भूख में बढ़ोत्तरी पशुओं के संपूर्ण स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक है।
  • पाचन क्रिया को रखे दुरुस्त : यह पशुओं की पाचन क्रिया को मजबूत करते हुए भोजन को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ाता है। अच्छी पाचन क्रिया से पशु स्वस्थ और ऊर्जावान रहते है।
  • लिवर की सुरक्षा: पशुओं के लिवर की सुरक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उनके शरीर का एक मुख्य अंग है जो पाचन, विषाक्त पदार्थों को हटाने, और पोषक तत्वों के अवशोषण जैसी भूमिकाएं निभाता है।
  • तनाव से दूर रखे :  तनाव मुक्त वातावरण में रहने वाले पशु अधिक स्वस्थ, उत्पादक और खुशहाल होते हैं। Rivliv के सेवन से पशुओं का तनाव कम होता है। इसके अलावा नियमित देखभाल, उचित आहार, और शांत वातावरण भी जरूरी है।

 

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