Coccidine जड़ी-बूटियों से बना एक एंटी-कोसिडियल टॉनिक है, जिसका उपयोग पोल्ट्री में कोक्सीडायोसिस के इलाज और रोकथाम के लिए किया जाता है। इसमें सभी जरूरी विटामिन, खनिज और हर्बल अर्क का मिश्रण है जो कोक्सीडायोसिस से बचाव के लिए कारगर है । कोक्सीडीन में विटामिन-ए भी होता है जिसकी भूमिका संक्रमण से रक्षा करते हुए प्रतिरक्षा (Immunity) को बढ़ावा देने की होती है । इसके अलावा इसमें विटामिन-ई होता है जो सामान्य स्वास्थ्य का समर्थन करता है।
दरअसल, कोक्सीडायोसिस (Coccidiosis) एक आम आंत्र-पथ परजीवी रोग (parasitic intestinal tract disease) है और अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो दस्त, वजन कम होने या एनोरेक्सिया (anorexia) के लक्षण दिखते हैं और गंभीर अवस्था में पहुंचने पर मृत्यु भी हो सकती है । ये Genus Eimeria (या कुछ मामलों में Isospora) के प्रोटोजोआ (protozoa) के कारण होता है। प्रोटोजोआ आंतों के विभिन्न स्थानों को संक्रमित करता है। विशेषकर, कमजोर प्रतिरक्षा वाले पशु इसकी चपेट में जल्दी आते हैं । यह कोक्सीडायोसिस के सभी चरणों को रोकता है, जैसे – sporogoites, trophozoites और schizonts.
पोल्ट्री पालन कार्यों में कोकिडिया बेहद आम है, लेकिन पक्षियों में संक्रमण तब होता है जब वे बड़ी मात्रा में स्पोर्युलेटेड ओसिस्ट (Sporulated oocyst) को निगल लेते हैं। ये ओसिस्ट उपकरण, कीड़ों, कपड़ों और खेत श्रमिकों के जरिए फैलते हैं। जब पक्षी संक्रमित (infected) हो जाते हैं और ठीक होने के बाद भी, वे मल में ओसिस्ट छोड़ते हैं, जिससे पूरा बाड़ा दूषित हो जाता है। इष्टतम परिस्थितियों में ओसिस्ट दो दिनों के भीतर बीजाणु बन सकते हैं।
कोक्सीडायोसिस से बचने और उसका प्रबंधन करने के लिए हमेशा नियमित रूप से कोक्सीडीन का उपयोग करना चाहिए क्योंकि इससे वजन बढ़ने की रफ्तार बढ़ जाएगी, अंडा उत्पादन बढ़ेगा और पक्षी एक संतोषजनक स्वास्थ्य स्थिति को प्राप्त कर लेता है ।
कोक्सीडीन में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों और पौधों के अर्क का एक अनूठा संयोजन है जो आपके पक्षियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करते हैं । इसके नियमित प्रयोग से आपके पक्षियों को अच्छे आकार के साथ-साथ उन्हें मजबूत और उत्पादक बनाये रखने में मदद मिलेगी । यही खासियत इसे पोल्ट्री स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाती है ।
कोक्सीडायोसिस को रोकने और इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका एंटीकोक्सीडियल दवाओं का उपयोग करना है क्योंकि संक्रमण रोकने के मामले में टीके भी पूरी तरह कारगर नहीं हैं । यह पक्षियों के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प है क्योंकि यह पक्षियों के लिए कोई समस्या पैदा किए बिना प्रोटोजोआ को मार देता है। दरअसल, इस बीमारी में संक्रमण 4 से 7 दिनों में तेजी से फैलता है और गंभीर मामलों में यह पूरी आंत को प्रभावित कर सकता है। नतीजतन, पक्षियों की आंतों की श्लेष्मा झिल्ली (intestinal mucous membrane) को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
पोल्ट्री में विकास दर और उत्पादन में कमी (Decrease in growth rate and production in poultry) कोक्सीडियोसिस संक्रमण के प्रत्यक्ष परिणाम हैं। गंभीर लक्षणों से संक्रमित पक्षी 10-14 दिनों में ठीक हो सकते हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन लगातार गिरता रहेगा। यह चूजों में मृत्यु दर को बहुत बढ़ा देता है जबकि व्यस्क पक्षी ज्यादा प्रतिरोधी शक्ति वाले होते हैं।
कोक्सीडीन (Coccidine) का उपयोग सरल है क्योंकि इसे पानी में आसानी से मिलाया जा सकता है या पक्षियों को उनके अनाज के साथ दिया जा सकता है। यह सभी प्रकार के पक्षियों जैसे लेयर्स, ब्रॉयलर और ब्रीडर्स के लिए समान रूप से लाभकारी है।…… (ज्यादा विवरण देखें)