किसी भी डेरी फार्म की सफलता बछड़ों/ बछियों की उचित देखभाल और प्रबंधन पर टिकी होती है । शुरुआती जीवन काल में ही बछड़ों को बेहतर पोषण उपलब्ध कराना उनके तेजी से विकास और जल्दी परिपक्वता दिलाने के लिए अच्छा होता है| अपने यौवन काल के समय उनसे पूरी उत्पादकता पाने के लिए उन्हें शुरू से ही सावधानी से पाला जाना चाहिए ।
जैसा कि हम जानते हैं कि गाय के बछड़े का जन्म के समय वजन 18 से 60 किलोग्राम और भैंस के बछड़े का वजन 13 से 34 किलोग्राम होता है, लेकिन समय बीतने के साथ अक्सर बछड़े यौवन काल के पूरे वजन को हासिल नहीं कर पाते । इसकी वजह है शुरुआत में ही कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाना । जैसे – निमोनिया, टायफाइड, पेट में कीड़े होना, अतिसार (diarrhea), नाभि का सड़ना, मुंह व खुर की बीमारी इत्यादि । इसलिए उन्हें इससे बचाये रखने के लिए कई उपाय करने होते हैं।
आमतौर पर बछड़े किसी तरह के संक्रमण (Infection) से लड़ने में बहुत सक्षम नहीं होते । खासकर गर्मियों के मौसम में किलनी ((Tick)) बछड़ों का खून तक चूस लेती हैं । इन्हें ‘कुटकी’ या’चिचड़ी’ भी कहते हैं। ये बहुत से रोगों के वाहक भी हैं जैसे लाइम रोग (Lyme disease), Q-Fever, Babesiosis आदि। उन्हें वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाते हैं या फिर वे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं । यही वजह है प्रारंभिक अवस्था में अधिकांश बछड़ों की मृत्यु की वजह कुपोषण या संक्रमण ज्यादा होते हैं । इससे पशुपालक को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है ।
बछड़े आयरन की कमी या पोषण से जुड़ी दूसरी कमियों के भी शिकार होते हैं जिसकी वजह से आगे चलकर उनमें हाइपोथर्मिया, कमजोरी और त्वचा का खुरदरापन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं । यही बाद में पक्षाघात (paralysis) में बदल सकते हैं जिससे मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।
ऐसे में बीमारी या मृत्यु की संभावना को खत्म करने के लिए उन्हें पोषण पूरक (nutritional supplement) की जरूरत होती है । रिफिट एनीमल केयर का काफ सखा (CALF SAKHA BY REFIT) लिक्विड टॉनिक उन्हें इन समस्याओं से बचाये रखता है। इसमें विभिन्न आवश्यक पोषक तत्व हैं जिन्हें बढ़ते बछड़ों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं (Nutritional Requirements of Calves) को पूरा करने के लिए अनोखे ढंग से संयोजित किया गया है।
Calf Sakha में प्रमुख सक्रिय तत्वों में से एक कैल्शियम है, जो हड्डियों और दांतों के उचित विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक है। यह पोषक तत्व मजबूत व स्वस्थ हड्डियों के विकास को सुनिश्चित करता है, जिससे पशु के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और भलाई में योगदान मिलता है । काफ़-सखा में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण पदार्थों में छोटे बछड़ों की आँखों के ठीक से काम करने के लिए विटामिन-ए भी शामिल है, जबकि विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण (absorption) की सुविधा प्रदान करता है।
‘काफसखा’ एक असाधारण रूप से प्रभावी फ़ीड सप्लीमेंट है जो बढ़ते बछड़ों के बेहतर स्वास्थ्य और विकास (Better health and growth of calves) को बढ़ावा देता है। इसमें विभिन्न आवश्यक पोषक-तत्व हैं जिन्हें बढ़ते बछड़ों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनोखे ढंग से संयोजित किया गया है। काफ-सखा का उपयोग करना भी बहुत आसान है । इसे पशुओं को दिए जाने वाले दूध या पानी में मिलाया जा सकता है। (ज्यादा जानकारी के लिए देखें)